Friday, November 11, 2011

11/11/11 का क्रेज़


11.11.11 की तारीख का लोगों में बड़ा क्रेज़ है। सौ सालों में पहली बार इस तरह की तारीख देखने को मिली है। इसका लुत्फ लेने में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता है। इसके लिए कुछ वेबसाइट ने भी अनूठा तरीका खोज निकाला है। जहां वेबसाइटों पर इसको लेकर खबरे सुर्खियों पर हैं वहीं नेटवर्किंग से लगाव रखने वाले इस दिन को लेकर अपने मन की सारी बातें ब्लाग और सोशल नेटवर्किंग साइट के माध्यम से दुनिया को बताने पर तुले हैं। दुनियाभर में इस दिन को लेकर कई तरह के आयोजन हो रहे हैं। शादी हो या फिर बच्चे का जन्म सभी के लिए यह तारीख बेहद खास मानी जा रही है। जहां अस्पतालों में इस दिन पैदा होने वाले नवजात बच्चों के लिए खास इंतजाम हैं वहीं कई गर्भवती महिलाओं ने इस दिन को लेकर पहले ही अस्पतालों में बुकिंग भी करवा रखी है।

यदि इस दिन पैदा होने वाले बच्चे का समय भी 11.11.11 होगा तो उसके परिजनों के लिए यह खुशी बयान न कर पाने वाली होगी। आखिर हो भी क्यों नहीं सौ वर्षाे में पहली बार यह तिथि आई है। लिहाजा हर कोई अपने तरीके से इसको हाथों हाथ हाथ लेना चाहता है। सोशल नेटवर्किंग साइट के साथ ब्लागर्स भी इसको लेकर खासे उत्साहित हैं और अपने को बयान करने के लिए इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। अफवाह तो कुछ ऐसी भी थी कि बालीवुड के शहंशाह के घर में बच्चे की किलकारी भी इसी तारीख में सुनाई देगी और इसके लिए अभिषेक ने सिजेरियन की बात को स्वीकार कर लिया है। लेकिन बाद में इसका खंडन खुद अभिषेक ने कर दिया।

वैलेंटाइन डे का बेसब्री से इंतजार करने वाले प्रेमी युगल भी इस तिथि को लेकर खासे उत्साहित हैं। भारतीय ज्योतिष की माने तो यह तिथि शिक्षा, स्वास्थ्य और धन के लिए बेहतर मानी जा रही है। ज्योतिष शास्त्री इस तिथि से बनने वाले अंकों के योग को काफी शुभ मान रहे हैं। कहने का अर्थ सिर्फ इतना भर है कि इस तिथि को लेकर हर कोई कितना उत्साहित है। इस तारीख को लेकर सभी के अपने मत हैं। किसी का कहना है कि यह तारीख बेहद शुभ है तो कोई कहता है कि यह दुनिया की तबाही की तारीख है। यह इस वर्ष को चौथा और अंतिम दुर्लभ अंकिय संयोग है जिससे दुनिया शुक्रवार को रुबरु होगी। यह शताब्दी का सत्रहवां ऐसा दुर्लभ अंकिय संयोग भी होगा। 

ऐसा संयोग पूरी एक शताब्दी के बाद देखने को मिलता है। इसीलिए इसको शताब्दी युति का नाम दिया गया है। यह वर्ष ग्रहणों के हिसाब से अनूठा रहा है। इस वर्ष होने वाले छह में से तीन ग्रहण भारत में देखे गए थे। 11.11.11 को अहमियत देने की एक वजह है, जिसे एपोफेनिया कहा जाता है। यह आंकड़ों में एक पैटर्न ढूंढने की ख्वाहिश होती है। एपोफेनिया सट्टेबाजों में खास तौर से देखा जाता है। एपोफेनिया अपने चरम पर हो तो वह मानसिक रोग की शक्ल ले सकता है। लेकिन हद में हो तो यह फायदा भी पहुंचाता है। नंबर में पैटर्न ढूंढकर ही हम बड़े-बड़े फोन नंबर याद रख पाते हैं।

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